tag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post3382878986384885344..comments2023-12-08T08:15:22.163-08:00Comments on उद्धवजी: बलद बेचना है?????इन्दु पुरीhttp://www.blogger.com/profile/10029621653320138925noreply@blogger.comBlogger30125tag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-22412365602964201332022-02-24T04:04:22.133-08:002022-02-24T04:04:22.133-08:00कहां हो बेटा? कहां हो बेटा? इन्दु पुरीhttps://www.blogger.com/profile/10029621653320138925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-81943405694914787812013-06-17T11:20:33.645-07:002013-06-17T11:20:33.645-07:00वाह सार्थक विचारणीय और प्रभावशाली आलेख
सादर वाह सार्थक विचारणीय और प्रभावशाली आलेख<br />सादर Jyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-23473288499702853162013-06-16T04:05:47.833-07:002013-06-16T04:05:47.833-07:00samvednaon se paripurn...
andar tak andolit karti ...samvednaon se paripurn...<br />andar tak andolit karti hui..<br />shandaaar..मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-89121952333101099602013-06-16T03:04:50.052-07:002013-06-16T03:04:50.052-07:00ब्लॉग बुलेटिन की फदर्स डे स्पेशल बुलेटिन कहीं पा...ब्लॉग बुलेटिन की फदर्स डे स्पेशल बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2013/06/blog-post_16.html" rel="nofollow"> कहीं पापा को कहना न पड़े,"मैं हार गया" - ब्लॉग बुलेटिन </a> मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-18852586020712622002013-06-16T01:10:27.404-07:002013-06-16T01:10:27.404-07:00Jwalant samasya ko le kar sarthak likha hai..Man k...Jwalant samasya ko le kar sarthak likha hai..Man ki bhaavon ki udvignata ubalne mein safal ye lekh sarahna ka adhikari hai.......DADA<br /><br /> RAJKUMAR GOYALhttps://www.blogger.com/profile/12586023574246023118noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-51611279609981774232012-10-16T12:51:40.746-07:002012-10-16T12:51:40.746-07:00मुझे तो भाषा, शैली बहुत भली लगी. खेतों का मालिक हो...मुझे तो भाषा, शैली बहुत भली लगी. खेतों का मालिक होते हुए बा को इतना सहना नहीं चाहिए था.<br />घुघूतीबासूती<br />ghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-65271361156049582652012-10-15T22:20:42.253-07:002012-10-15T22:20:42.253-07:00पलक झपकाए बिना आद्योपांत पढ़ गया. बुआ क्या लिखा है...पलक झपकाए बिना आद्योपांत पढ़ गया. बुआ क्या लिखा है आपने. कहानी में सच्चाई है या सच्चाई की कहानी है. सब गुत्थम गुथा है. <br />बुआ, कहाँ से ये सब उकेरना सीखा है...<br />हमेशा आंदोलित और कुछ और सोचने पर विवश कर देती है आपकी लेखनी...दिवाकर मणिhttps://www.blogger.com/profile/03148232864896422250noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-85434271098029176232012-10-15T10:59:20.958-07:002012-10-15T10:59:20.958-07:00इंदु जी , सादर प्रणाम
आप किसी भी विषय पर बहुत बढ़...इंदु जी , सादर प्रणाम <br /><br />आप किसी भी विषय पर बहुत बढ़िया प्रस्तुतिकरण करती हैं !<br />आप घटना को बेहद रोचक और गंभीर बनाकर पाठको को चिंतन करने के लिए विवश कर देती हैं... लेकिन हमेशा की तरह मेरी एक शिकायत है आप थोडा लिखने में कंजूसी कर देती हैं...<br />कृपया विस्तार से लिखा करें क्यूँ के आपकी रचनाओ को पढने वाले आपके ब्लॉग पे विशेष समय निकल कर पढ़ते हैं ऐसा मेरा मानना है..<br />धन्यवाद<br />आपका अपना<br /><3<br />मुकेश गिरि गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/02134684442961009035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-34747351731826401382012-10-15T10:59:06.225-07:002012-10-15T10:59:06.225-07:00इंदु जी , सादर प्रणाम
आप किसी भी विषय पर बहुत बढ़...इंदु जी , सादर प्रणाम <br /><br />आप किसी भी विषय पर बहुत बढ़िया प्रस्तुतिकरण करती हैं !<br />आप घटना को बेहद रोचक और गंभीर बनाकर पाठको को चिंतन करने के लिए विवश कर देती हैं... लेकिन हमेशा की तरह मेरी एक शिकायत है आप थोडा लिखने में कंजूसी कर देती हैं...<br />कृपया विस्तार से लिखा करें क्यूँ के आपकी रचनाओ को पढने वाले आपके ब्लॉग पे विशेष समय निकल कर पढ़ते हैं ऐसा मेरा मानना है..<br />धन्यवाद<br />आपका अपना<br /><3<br />मुकेश गिरि गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/02134684442961009035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-8108274133726336512012-10-15T10:43:45.874-07:002012-10-15T10:43:45.874-07:00"balad bechna hai???"sunder bhaw liye di..."balad bechna hai???"sunder bhaw liye dill ko choo lene wali ek behad umda rochak laghu katha hai ,khani ki rochakta aant tak bani rahti hai,khani ka ant bahoot hi sukhad hai,sunder sandesh de rha hai,indu ji behad khoosurat lagu katha likhne ke liye badhai ho,Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08436230361928944451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-52323622474406939812012-05-11T05:38:48.708-07:002012-05-11T05:38:48.708-07:00ऐसे बंजारे कहाँ होते हैं सच में? शहर में कम से कम ...ऐसे बंजारे कहाँ होते हैं सच में? शहर में कम से कम ओल्ड एज होम में एक छत तो मिल जाती है, गाँव में तो ये भी नहीं, बीमारी भूख और उस पर छत भी नहीं... जाने किसके किस्मत में क्या बदा कौन जाने. कोई बंजारा मिले कि पूत सपूत रहे या कि कपूत हो जाए.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-41701401328565489652012-05-06T19:50:58.156-07:002012-05-06T19:50:58.156-07:00अरे बुआ, क्या बात है, घणा मजो आ वि गयोअरे बुआ, क्या बात है, घणा मजो आ वि गयोविवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-55314869736022810852012-05-05T10:30:07.561-07:002012-05-05T10:30:07.561-07:00इतना मर्मस्पर्शी .... शब्दों ने अबोला कर दिया है !...इतना मर्मस्पर्शी .... शब्दों ने अबोला कर दिया है !!!निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-80926874175238307892012-05-05T01:51:34.286-07:002012-05-05T01:51:34.286-07:00इंदु जी यह खेल तो मेरे मां बाप के साथ हो चुका हे, ...इंदु जी यह खेल तो मेरे मां बाप के साथ हो चुका हे, ओर करने वाला मेरे मां बाप का लाडला बेटा ओर उस की बहू थी, यानि मेरा छोटा भाई.... ओर जिस ज्यादाद के लिये उन्होने मेरे मां बाप को एक एक रोटी के लिये तरसाया, जिस का पता मुझे अब धीरे धीरे लग रहा हे, कई सबूत मिले हे जिन के जरिये मै भाई ओर जेल मे चक्की पिसवा सकता हुं, लेकिन छोटा जान कर माफ़ कर रहा हुं.... लेकिन एक दिन भुगते गे यह दोनो.....राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-69902900919256312722012-05-04T23:47:09.456-07:002012-05-04T23:47:09.456-07:00जीजी सा, बडी चोखी वारता कही,बापड़ा पुख्ताओं री ओईज ...जीजी सा, बडी चोखी वारता कही,बापड़ा पुख्ताओं री ओईज रामकहाणी है। बा मोटियारी रा दिन बळद ज्यूं बेटा रै वास्ते जुत नै खप ग्या!! अबै बूढ़ो बळद ही ज है। माधु सरीखा मोटियारां के कारण ही थोडी बहुत सम्वेदना जी रही है। नहीत्तर बुजर्ग तो रोटी नै ओसियाळा वै ग्या है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-15241394827257728802012-05-04T23:12:01.068-07:002012-05-04T23:12:01.068-07:00बहना बहुत-बहुत स्नेह !
मेरी आँख के आसूं तेरे इन ए...बहना बहुत-बहुत स्नेह !<br />मेरी आँख के आसूं तेरे इन एहसासों पर टिप्पणी के रूप में .....<br />तेरे स्नेह और प्यार भरे जज्बे को प्रणाम ....<br />वीरा !अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-53943763501627406382012-05-04T22:49:55.332-07:002012-05-04T22:49:55.332-07:00bahut bahut bahut achha likhaa haibahut bahut bahut achha likhaa haisonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-55549146892193415742012-05-04T22:40:47.185-07:002012-05-04T22:40:47.185-07:00समवेदनाओं पर किक मार कर जगाती हुई सार्थक कहानी...समवेदनाओं पर किक मार कर जगाती हुई सार्थक कहानी...पद्म सिंहhttp://padmsingh.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-86712965290671087442012-05-04T22:40:20.098-07:002012-05-04T22:40:20.098-07:00साब! ये म्हारो कुछ नही लागे. पर म्हने बाप से ज्याद...साब! ये म्हारो कुछ नही लागे. पर म्हने बाप से ज्यादा इज्जत दी बच्चा से ज्यादा म्हारी सेवा की. इसकी लाड़ी (बहु) बच्चा बच्ची 'बा बा ' करता नही थाके (थकते).मैं चुपचाप जाके म्हारा घर बार जमीन सब इके नाम कर दी. जदी (जब) माधु (बंजारा को एक नाम दे दूँ ) ने मालूम पड्यो (पड़ा) म्हारो लड्यो.की मैं इके नाम ये सब क्यों कर दियो? कलजुग में क्रिसन भगवान मिलिया म्हने (मिले मुझे)'- बा ने रोते हुए पुलिस वालों और गाँव वालों को कहा.<br />bahut bhavpurn lekh..........badhaiamrendra "amar"https://www.blogger.com/profile/00750610107988470826noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-86507600086268816402012-05-04T20:03:23.681-07:002012-05-04T20:03:23.681-07:00होता है - भगवान नरसी मेहता की हुंडी भी छुड़ाते हैं...होता है - भगवान नरसी मेहता की हुंडी भी छुड़ाते हैं और नालायक बेटे को अक़्ल भी बाँटते हैं।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-89107790600433405112012-05-02T22:42:19.778-07:002012-05-02T22:42:19.778-07:00बहुत सुन्दर भावपूर्ण कहानी है कहानी का अंत सुखद ...बहुत सुन्दर भावपूर्ण कहानी है कहानी का अंत सुखद लगा ... आभारसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-486136904797914582012-05-01T18:54:40.059-07:002012-05-01T18:54:40.059-07:00समाज में दानव भले ही बढे हैं मगर मानवता आज भी है ...समाज में दानव भले ही बढे हैं मगर मानवता आज भी है और विभिन्न रूप रंगों में प्रगट होती रहती है -अच्छी कहानी!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-54733562139329158212012-04-30T17:49:54.057-07:002012-04-30T17:49:54.057-07:00बहुत खूब !
इस आइडिये से तो ओल्ड एज होम्स का कांसे...बहुत खूब !<br /><br />इस आइडिये से तो ओल्ड एज होम्स का कांसेप्ट ही खतरे में पड़ जाएगा! ऐसी सीख मिलनी ही चाहिए !प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-72874479762287276062012-04-30T07:11:46.657-07:002012-04-30T07:11:46.657-07:00कहाणी तो चोखी मांडी है, बुढापा माए खेती या जायदाद ...कहाणी तो चोखी मांडी है, बुढापा माए खेती या जायदाद बूंढा के नाम कोनी होवै तो सेवा कुण करे? जद ही कही जाए हे बुढापा रै लिए बचाय के राखणो चाहिए…… फ़ेर ओल्ड एज होम की जरुरत कोनी पड़े।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-32654961772701542742012-04-30T06:14:53.318-07:002012-04-30T06:14:53.318-07:00बहुत खूबसुरत लेख जी ...बधाई !!!!बहुत खूबसुरत लेख जी ...बधाई !!!!jagdishpurigoswamihttps://www.blogger.com/profile/05213145052021939313noreply@blogger.com