tag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post7344770250264465192..comments2023-12-08T08:15:22.163-08:00Comments on उद्धवजी: मंदिर चला जाएइन्दु पुरीhttp://www.blogger.com/profile/10029621653320138925noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-44142031977129062982012-04-17T02:55:37.974-07:002012-04-17T02:55:37.974-07:00@डॉ गुप्त साहब!
थेंक्स सर ! आप मेरे ब्लॉग पर आये म...@डॉ गुप्त साहब!<br />थेंक्स सर ! आप मेरे ब्लॉग पर आये मुझे बहुत अच्छा लगा.सबको लगता है ......मुझे भी.<br />वाह वाही अच्छा लिखने को प्रेरित करती है तो स्वस्थ आलोचना में लेखक की कलम को धार देने की क्षमता होती है.<br />मुझे आपसे मार्ग दर्शन चाहिए.खुद की लेखनी में सुधार कर सकूं.इसलिए खरी खरी कहते हुए मेरे ब्लॉग पर न हिचकिचाइयेगा.<br />मैं आलोचनाओं को सर आँखों पर लगाती हूँ और और दिमाग में रखती हूँ<br />क्या करूं?ऐसिच हूँ.<br />थेंक्स अगेनइन्दु पुरीhttps://www.blogger.com/profile/10029621653320138925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-66392280008651251372012-04-16T22:09:13.398-07:002012-04-16T22:09:13.398-07:00यूँ मुझे आज तक किसी भी प्रकार का कोई पुरस्कार नही...यूँ मुझे आज तक किसी भी प्रकार का कोई पुरस्कार नही मिला....पर.जब टीचर्स बतलाते है -'मेडम! आधे बच्चे भी स्कूल नही आ रहे हैं आज कल , आप छुट्टियों मे थी ना इसलिए. ....................."<br /><br />---सच है..<br />" पुरस्कार की तो थी हमें भी तमन्ना बहुत।<br /> मगर शर्त पूरी न हम कभी कर पाये।"डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-52563486501536537142012-03-20T05:31:46.748-07:002012-03-20T05:31:46.748-07:00सामीप्य और प्रेम
एक सात सम्मेलित होते है क्या ?सामीप्य और प्रेम <br /><br />एक सात सम्मेलित होते है क्या ?chandrodayamhttps://www.blogger.com/profile/14951869691209026346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-81472591857350485962012-03-20T05:28:06.275-07:002012-03-20T05:28:06.275-07:00अभी भी बहूत शिक्षकों को
सुधार अनिवार्य है
अछा ...अभी भी बहूत शिक्षकों को <br /><br />सुधार अनिवार्य है <br /><br />अछा हुआ बिना कोई दवाब <br /><br /> मासूम बच्चे ने आपको <br /><br />अपना स्वयं अंतर झाखने का मौका दियाchandrodayamhttps://www.blogger.com/profile/14951869691209026346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-83133275449337578522012-03-10T23:33:16.864-08:002012-03-10T23:33:16.864-08:00बचपन की अपनी एक दुनिया होती है , बचपन बीत जाने पे...बचपन की अपनी एक दुनिया होती है , बचपन बीत जाने पे उम्र के हर मोड़ पर बहुत याद आता है बचपन .<br />खुबसूरत प्रस्तुती.Rajputhttps://www.blogger.com/profile/08136572133212539916noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-89191366009736752072012-03-08T10:33:03.420-08:002012-03-08T10:33:03.420-08:00बहुत अच्छी भावाभिव्यक्ति है आपकी । बस वर्तनी की त्...बहुत अच्छी भावाभिव्यक्ति है आपकी । बस वर्तनी की त्रुटियों पर ध्यान दें । होली और नारी दिवस की शुभकामनाएँdinesh gautamhttps://www.blogger.com/profile/12703343426381963314noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-72471084790568418552012-03-08T10:23:52.295-08:002012-03-08T10:23:52.295-08:00This comment has been removed by the author.dinesh gautamhttps://www.blogger.com/profile/12703343426381963314noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-79692248815642280112012-03-07T01:35:58.975-08:002012-03-07T01:35:58.975-08:00होली का पर्व मुबारक हो !
शुभकामनाएँ!होली का पर्व मुबारक हो !<br />शुभकामनाएँ!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-35485272167073958752012-03-06T01:00:24.964-08:002012-03-06T01:00:24.964-08:00दिनेश की टिप्पणी : आपका लिंक
dineshkidillagi.blo...दिनेश की टिप्पणी : आपका लिंक <br /> dineshkidillagi.blogspot.com<br />होली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।<br />कामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-31589321130550170482012-03-02T09:26:31.996-08:002012-03-02T09:26:31.996-08:00सामीप्य की अभिलाषा और प्रेम की परिभाषा
तुम्हारे स...सामीप्य की अभिलाषा और प्रेम की परिभाषा<br /><br />तुम्हारे सामीप्य की अभिलाषा <br />और प्रेम की परिभाषा <br />दोनों में भेद है <br />सामीप्य में तृष्णा है <br />प्रेम में करुणा है <br />सामीप्य शारीरिक आकर्षण से है <br />प्रेम आत्मा की सुन्दरता है <br />तुम सौम्य हो सुन्दर हो सुशिल हो <br />मेरे ख्वाबों में हो <br />ख्वाबों में समीप हो <br />सामीप्य आश्चर्य है किन्तु छणिक है <br />प्रेम अलौकिक सौंदर्य है <br />अन्तःहीन है <br />सामीप्य मधुर है सानिध्य है <br />प्रेम अमृत है आराध्य है <br />सामीप्य चिंतित है <br />प्रेम चिरस्थायी है <br />सामीप्य में अन्धकार है <br />प्रेम अलौकिक है <br />सामीप्य तन की पिपासा है <br />प्रेम अद्भुत अलौकिक आत्मिक सौंदर्य हैPps Chawlahttp://www.youtube.com/watch?v=Q1QwWXrVRS4noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-279847263222177338.post-9250780997669372712012-03-01T07:46:24.619-08:002012-03-01T07:46:24.619-08:00प्यार बांटते चलो ....ये ही दुनिया में सबसे बड़ी दौल...प्यार बांटते चलो ....ये ही दुनिया में सबसे बड़ी दौलत हैंAnju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.com