Pages

Saturday 22 June 2013

अज्ञातवास.


'अज्ञातवास....? पर कहाँ ..कहाँ जायेंगे आप ?''

''क्यों बताऊं  कहाँ जाऊँगा ?''


''पर ये भी कोई बात हुई ?''


'' हाँ !खुद को जानना चाहता हूँ, मन मस्तिष्क के विरेचन के लिए ....दूर जाना चाहता हूँ .''


' एकदम अकेले ...?'


''क्यों?क्यों बताऊँ ...? एकदम अकेले ..हाँ, कोई साथ हुआ तो भी मैं, मात्र मैं खुद के साथ अकेला रहना चाहता हूँ .''


''एस.एम.एस.किया करुँगी टाईम मिले तब पढ़ लीजियेगा ''


''नही, मोबाईल साथ नही ले जाऊंगा '' उन्होंने शांत भाव से उत्तर दिया.


'' अरे! पर ऐसा क्यों ?''


''तु नही समझेगा मेरे नन्हे दोस्त '' 


अचानक तीन चार साल का उम्र का फासला जैसे पचास साल में बदल गया था. वे बड़े थे अब भी. पर 'वो' बच्ची में तब्दील हो गई थी .
......................................................................
.............................................................



''मुझे मालूम था तुम्हारी बीमारी ऐसा ही किसी भी  दिन कर देगी.....मैंने अकेले जीने का अभ्यास कर लिया था दोस्त! तुम्हारे बिना जीने का अभ्यास।  तुम्हारे फोन, तुम्हारे एस.एम.एस.का इन्तजार करना भी उस अज्ञातवास में छूट गया था. अब कोई आदत रही ही नही ''


....कुछ फूल उठा कर शव पर डाल दिए और ....
नही चाहते थे कि कोई उनकी आँखों के आंसुओ को देखे. वो सबसे पीछे जा खड़े हुए. उन्होंने सुना ही नही शायद, उस अनकहे को जो मैंने सुन लिया था.  

'' मैं तो ये भी नही सीख पाई कि 'वहां' मुक्ति या शांति कैसे मिलेगी आपके बिना ....''


पर सबने देखा एक चमत्कार ....उस दोस्त की आँखों से गिरने वाला हर आंसू मृतका की आँखों से बह रहा था.


आपको मालूम ...क्यों ?


मुझे तो नही समझ में आया कुछ भी .

10 comments:

  1. कुछ तो है... दिखने में कुछ नहीं .. फिर भी बहुत कुछ.
    मुझे इतना ही समझ आया, यह सिर्फ़ प्रेम है...निश्चल

    ReplyDelete
    Replies
    1. thanx manoj ji! aapke comments ne mujhe hmesha naya likhne ko prerit kiya hai.

      Delete
  2. Pahli baar padhne meiN samajh nahi aayee :( phir kayee baar padhi aur lekhika se sampark kiya tab samajh ayee iss katha ki gehraai tab afsos hua khud pe ki maeN itna agyaani hooN aur sochta hooN k 'Maen pyaar kar sakta hooN'jab k pyaar ki vyatha hi na samajh paya..........................

    ReplyDelete
  3. हृदयस्पर्शी!

    ReplyDelete
  4. मार्मिक रचना
    मेरे ब्लॉग पर भी पधार
    http://nimbijodhan.blogspot.in/

    ReplyDelete
  5. thanx gajendra ji ! jrur aaungi aapke blog pr

    ReplyDelete
  6. very nice post , congrates .

    ReplyDelete