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Monday, 17 October 2011

इंदु के लिए

अरे ऐसा नही है की मुझे हरदम रोनू गाने ही पसंद.........इसे सुनिए तो बड़ा शरारती और प्यारा सा गाना है यह हा हा हा अब ये न कहिये कि............. ऐसीच है यह तो -पागल हा हा हा 

5 comments:

  1. वाह वाह ... क्या बात है जी ... किशोर कुमार ... मज़ा आ गया ...

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  2. दीपावली पर आपको और परिवार को हार्दिक शुभकामनायें इंदु माँ !

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  3. इन्दु जी,
    आपको, परिजनों तथा मित्रों को दीपावली पर मंगलकामनायें! ईश्वर की कृपा आपपर बनी रहे।

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    साल की सबसे अंधेरी रात में*
    दीप इक जलता हुआ बस हाथ में
    लेकर चलें करने धरा ज्योतिर्मयी

    बन्द कर खाते बुरी बातों के हम
    भूल कर के घाव उन घातों के हम
    समझें सभी तकरार को बीती हुई

    कड़वाहटों को छोड़ कर पीछे कहीं
    अपना-पराया भूल कर झगडे सभी
    प्रेम की गढ लें इमारत इक नई
    ********************

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  4. वाह क्या बात है ....
    कभी समय मिले तो http://akashsingh307.blogspot.com ब्लॉग पर भी अपने एक नज़र डालें .फोलोवर बनकर उत्सावर्धन करें .. धन्यवाद .

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  5. गाना अच्छा है ,बिलकुल चुलबुला आपकी तरह !

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